कुछ तो है ऐसा
चैप्टर 9 कुछ तो है ऐसा
अब तक आपने पढ़ा तनुजा राहुल की कसम देती है तो श्रेया गुस्से में उसे बताती है की महेंद्र ही एम डी है और तनुजा को जाने के लिए कहती है रिहान पूछता है की वो सबका खयाल कैसे रख लेती है सब स्टेशन के लिए निकल जाते हैं
अब आगे
वो चारों खाना खाते हैं और स्टेशन के लिए निकल जाते हैं रास्ते में मंदिर जाते हैं फिर वहाँ से स्टेशन और तनूजा को ट्रेन में बिठा के घर आजाते है राहुल और रिहान अपनी पढाई करने कमरे में चले जाते हैं और श्रेया खाना बनाने".......
एस एम सिंघानिया कंपनी
शौर्य श्रेया की शायरी सून सोच में पड़ जाता है, तभी उसे अनील की अवाज़ आती है जो कह रहा था "मिस श्रेया कितनी अच्छी शायरी बोलती हैं" शौर्य जहाँ से श्रेया गयी थी उसी तरफ देखते हुए कहता है "ये सिर्फ शायरी नहीं थी इसका मतलब कूछ और है" शौर्य पूछता है "क्या जानते हो इसके बारे में सब बताओ".......
अनील उसकी बात सून मन में कहता है "दुनिया में इतनी सारी खुबसूरत लड़कीयाँ है, लेकिन इन्हें इस बूढ़ी औरत के बारे में जानना है"
वो सोच ही रहा था तभी उसके फोन पर मेल आता है वो उस मेल को देखकर कहता है "इन्हें बड़ी जल्दी थी नौकरी छोड़ने की" उसे खुद से बात करते देख शौर्य कहता है "वाट्स रोंग"
"अनिल - सर मिस श्रेया ने जॉब से रिजाइन कर दिया "
उसकी बात सुन शौर्य सोच में पड़ जाता है फिर वो अनील से कहता है "श्रेया के बारे में जोभी पता है बताओ" अनिल उसे बताना शुरू करता है "उनका नाम श्रेया है ,यही कंपनी से थोड़ी दूर घर है इनका उम्र 35 एक बेटा है" फिर वो चूप हो जाता है उसे चुप देख शौर्य कहता है "और? "
अनील "सर मुझे उनके बारे में इतना ही पता है"
शौर्य कुछ सोचते हुए कहता है "मूझे कल शाम तक उसकी पूरी डिटेल चाहिए" उसके बाद अनील ओक सर कह कैबिन से बाहर आ जाता है" दरवाजा बंद कर बड़बड़ाते हुए कहता है "खुद 27 के है लड़की इन्हें 35 की पसंद आई ये अमीर लोगों के शौक ही अलग होते हैं चल बेटा अनील लगजा काम पे"
शौर्य भी काम में बीज़ी हो जाता है पर बार बार उसे श्रेया का ख्याल आ रहा था "कूछ तो है एसा जो मैं समझ नहीं पा रहा हूँ" एसे ही शाम हो जाती है शौर्य काम खत्म कर घर चला जाता है जहाँ वो अकेला रहता है वो फ्रेश होता है और बिस्तर पर लेट जाता है और उसे वो पूरानी यादे याद आने लगती है"......°
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"फ्लैशबैक"
शौर्य और सिद्धार्थ आज फिर उसी लड़की के स्कूल आए थे और उसी को ढूंढ रहे थे, तभी उनहे पिछे से अवाज़ आती है लगता है "कोइ हमे ढुढ़ रहा है"
उस लड़की की आवाज सुन शौर्य और सिद्धार्थ पिछे मुड़ जाते हैं तभी उनके सामने दो लड़कीया खड़ी होती है "एक के मुहं में लॉलीपॉप होता है। उसे देख कर शौर्य कहता है "बड़ी देर लगादी महरबान आते आते" वही सिद्धार्थ दुसरी लड़की को घुर रहा था वो दुसरी लड़की भी सिद्धार्थ को देख कर मुस्कुरा रही थी, शौर्य पूछता है "नाम क्या है तुम्हारा"
वो लड़की मुस्कुरा कर "पता कर लो" शौर्य मुस्कुरा कर "पता तो मैं कर लूंगा लेकिन तुम बताओगी तो मुझे ज़्यादा खुशी होगी"
वो लड़की आंखे घुमाते हुए कहती है "तो मत हो खुश किसे फर्क पड़ता है"
और अपनी दोस्त को लेकर जाने लगती है" तभी शौर्य कहता है "शरमा के टिफिन में खाने की जगह छीपकली तूमने ही रखी थी ना" और अपने हाथ में मोबाइल घुमाने लगता है ,वो लड़की गुस्से में उसे घुरती है और कहती है "ओके फाइन एक मैच हो जाए बास्केटबॉल का, तूम जिते तो मैं अपना नाम बता दुंगी और मैं जीत गई तो तुम विडियो डीलीट कर दोगे"
शौर्य "मंजूर है" लड़की "तो चलो"
"फीर चारों बास्केटबॉल कोर्ट चल देते हैं"
उस लड़की की दोस्त सिद्धार्थ को अकड़ दिखाते हुए कहती है "तुम्हारा दोस्त ज़रूर हारेगा ,क्योंकि मेंरी दोस्त बास्केटबॉल चैंपियन है"
सिद्धार्थ अफसोस होने का नाटक करते हुए "अच्छा क्या सही में" फिर थोड़ा सीरियस होते हुए कहता है "तुम्हे पता है ये कौन है"
वो लड़की "नहीं तो कौन है" सिद्धार्थ मुस्कुराते हुए कहता है "ये शौर्य सिंघानिया है ,सिंघानिया कम्पनी का अकेला वारीस और हमारे स्कूल के अंडर 19 बास्केटबॉल टीम का कैप्टन"
उसकी बात सुन वो लड़की "डर से अपने दांतों में उंगलि दबाते हुए कहती है "हे भगवान अब क्या होगा"
सिद्धार्थ उसका मजाक उड़ाते हुए कहता है "वही जो मंज़ुरे हमारा चैंपियन होगा" और हसने लगता है तो वो लड़की उसे घुर कर देखती है तो ,वो लड़का अपने दांत दिखा देता है और मन में सोचता है "कितनी क्यूट है ये"
तभी वो लड़की उसके सामने चूटकी बजाती है तो सिद्धार्थ होश में आता है और जल्दी से सामने देखने लगता है उसे एसे देख वो लड़की मुस्कुरा देती है।
वही शौर्य और वो लड़की दोनों मैच खेलना शुरू करते हैं 10 पॉइंट का मैच सेट होता है वो लड़की बहुत अच्छा खेल रही थी और शौर्य का ध्यान मैच से ज्यादा उस लड़की पर था।
वो लड़की लगातार बास्केट किए जा रही थी ,वो सच में बहुत अच्छा खेल रही थी या शौर्य जानबूझकर हार रहा था ये तो वही जाने फाइनली खेल खत्म हो जाता है ,और वो लड़की खुशी से झूमने लगती,,है उसे एसे देख शौर्य अचानक से उसे अपनी बाहों में भर लेता है और आखें बंद कर लेता है वो लड़की तो स्तब्ध रह जाती है।
थोड़ी देर बाद जब उसे होश आता है तो वो शौर्य को धक्का दे देती है फिर उंगली दिखाते हुए कहती है "दुबारा एसा कीया तो, मूझसे बुरा कोई नहीं होगा"
और वहाँ से जाने लगती है उसे कूछ याद आता है और वो पिछे मुड़कर कहती है "तूम शर्त हार गए विडियो डिलीट करो" वो लडका मुस्कुरा देता है और एक मोबाइल उसकी तरफ बढ़ा देता है "लो तुम पूरा फोन रख लो"
फिर उसका हाथ पकड़ के उसकी हथेली पर कूछ रखता है और कहता है ये तूम्हारे लिए और सिद्धार्थ के साथ वहाँ से निकल जाता है, तभी वो दुसरी लड़की उसके पास आती है और कहती है "क्या बात है तुने तो चैंपियन को हरा दिया" वो लड़की सोच में पड़ जाती है और फिर उस दुसरी लड़की का हाथ पकड़ खिचते हुए शौर्य के पिछे भागती है तभी उसे वो दोनों जाते हुए दिखते हैं"...
कहां है मीरा ? क्या सच में मीरा मर चुकी है? वो दोनो लड़कियां कौन है? जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी "एक मां ऐसी भी" मिलते हैं अगले चैप्टर में तब तक के लिए बाय बाय
वानी #कहानीकार प्रतियोगिता हेतु
Abhilasha Deshpande
13-Aug-2023 10:27 PM
Nice part
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अदिति झा
17-Jul-2023 12:02 PM
Nice 👍🏼
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Gunjan Kamal
17-Jul-2023 01:58 AM
👏👌
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